लखनऊ : अयोध्या निवासी 53 वर्षीय राजेंद्र कुमार को कुछ समय से पैरों में दर्द की शिकायत थी। अंगूठे के पास और टखने के पास फोड़ा हुआ तो उन्होंने स्थानीय सर्जन को दिखाया परन्तु जो दवाइयां उन्हें दी गयीं, उससे कोई फायदा नहीं मिला। उनका घाव दिनों-दिन बढ़ता जा रहा था। घाव में मवाद भरा हुआ था। अब उन्हें लगने लगा था कि उनका यह घाव ठीक नहीं होगा। तब उन्होंने सरकारी हॉस्पिटल में सलाह ली। उनको कुछ जरूरी जांचें जैसे एंजियोग्राफी लिखी गयीं, जांच में मरीज को कोरोनरी आर्टरी डिजीज, इन्टरारीनल कंप्लीट एब्डामिनल एरोएटिक ऑब्स्ट्रक्शन विद पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज के साथ उनके दाहिने पैर में वायलटरल लोअर लिंब इस्कीमिया नान हीलिंग वुन्ड पाया गया।
जब हार्ट व पैरों में ब्लॉकेज निकला तब मरीज ने एक और प्राइवेट हॉस्पिटल में परामर्श लिया, परन्तु मरीज को वहां के डाक्टर की सलाह से संतुष्टि नहीं हुई। तब रिश्तेदार की सलाह पर उन्होंने सहारा हॉस्पिटल के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव से परामर्श किया, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनके हार्ट का ऑपरेशन करना पड़ेगा और चूंकि दोनों पैरों में भी रक्त का प्रवाह नहीं था, इसलिए उसका भी आपरेशन करना होगा। मरीज के दोनों पैरों में सप्लाई पूरी तरह से बंद थी और दोनों पैरों की धमनियों में कई बीमारियां भी थी। छाती में दर्द भी रहता था। तब डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि हार्ट की व पैरों की बाईपास सर्जरी एक साथ करनी होगी जो कि बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। डॉक्टर विशाल ने मरीज की हार्ट की बाईपास के लिए हार्ट से ग्राफ्ट उठाकर उसके दोनों पैरों में ब्लड की सप्लाई भेजी क्योंकि लेफ्ट साइड वाले पैर में ज्यादा ब्लॉकेज था तो उन्हें एक और बाईपास सर्जरी करनी पड़ी। यह ऑपरेशन लगभग 5 घंटे तक चला। इसमें सीएबीजी और एंसैडिंग एओरटा टू बाईफेमोरल बाईपास और साथ ही सिंथेटिक ट्यूब ग्राफ्ट साथ में लेफ्ट साइड फीमोरल पालिटियल बाईपास सर्जरी की गयी। इस जटिल सर्जरी को डॉक्टर विशाल सहित समस्त हार्ट टीम के अथक प्रयास से सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया।
सहारा इंडिया परिवार के सीनियर एडवाइजर अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि सहारा हॉस्पिटल में मरीजों की सेवा के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके बड़ी से बड़ी सर्जरी सफलतापूर्वक सम्पन्न की जाती है। हमारे अभिभावक सहाराश्री जी ने जनमानस के लिए आधुनिक और मरीजों को समर्पित अस्पताल का जो स्वप्न देखा था, उसको पूरा करने की तरफ समस्त टीम निरन्तर अग्रसर है । सहारा हॉस्पिटल का कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी विभाग कई जटिल सर्जरी करके नये कीर्तिमान स्थापित कर मरीजों को लाभान्वित कर रहा है।