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सीता जी की व्यथा संग राम के विविध रूप उजागर हुए

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भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2024

लखनऊ , 14 अप्रैल 2024। तुलसी शोध संस्थान उत्तर प्रदेश अन्तर्गत श्री राम लीला समिति ऐशबाग के तत्वावधान में श्री रामलीला परिसर तुलसी रंगमंच पर चल रहे दस दिवसीय भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2024 की छठी सांस्कृतिक संध्या में सीता जी की व्यथा संग राम के विविध रूप उजागर हुए।

भारतीय सभ्यता और संस्कृति से परिपूर्ण कार्यक्रम में डॉ मीरा दीक्षित के नृत्य निर्देशन में सीता चरित्रम- राम ही सत्य हैं नृत्य नाटिका का मंचन हुआ।

सीता चरित्रम- राम ही सत्य हैं नृत्य नाटिका ने बताया की राम कथा में माता जानकी पर लगे अनेक अपयश तथा उनके साथ हुए दुर्व्यवहार का दोषारोपण प्रभु श्री राम पर लगाया गया है, चाहे वह अग्नि परीक्षा हो या अयोध्या के आगमन के बाद पुन: वनवास, हर बार उंगली यदि माता सीता पर उठाई गई तो कारण प्रभु श्री राम को बताया गया, इस मिथक दोषारोपण को प्रस्तुत नृत्य नाटिका में माता सीता अपने मनोभावों को प्रकट करते हुए प्रभु श्री राम को सर्वथा सत्य व मर्यादित सिद्ध कर रहीं हैं और बता रहीं हैं की मर्यादा में राम बंधे थे।

सीता चरित्रम- राम ही सत्य हैं नृत्य नाटिका को अपने भावाभिनय नृत्य से सजाने संवारने वाले कलाकार थे अंजुल बाजपेयी, डॉ मीरा दीक्षित, नमन मिश्रा, अमित तिवारी, अंकित सिंह, अविनाश सिंह, अरिंदम सिंह, तनुश्री, मोहित गौतम, दुर्गेश यादव, अभिरल श्रीवास्तव और साथी।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त

शमशुरर्रहमान नवेद के नृत्य निर्देशन में स्वर्ण हंस नृत्य कला मन्दिर के कलाकारों ने मोहक प्रस्तुतियां दीं।

शमशुरर्रहमान नवेद ने अपने कार्यक्रम की नींव स्वर्ण सरोजा पर रखी। इसी क्रम में शमशुरर्रहमान नवेद, सुनैना जयसवाल, वृति आर्या, मेनका साहू, तरुषी, अभय सिंह ने राम रसायन प्रस्तुति में भगवान श्री राम के विविध रूप उजागर किये।

संगीत से सजे इस प्रस्तुति के बाद सृजन पर्फार्मींग आर्ट के कलाकारों अनुष्का, वर्तिका, सन्जना, आस्था, शिवांगी और पूजा ने राम आयेंगे, अल्पना शुक्ला और बाडगुण्या शुक्ला ने राम दूत स्त्रोत, करन, युवराज, रितिक, नीरज, अतुल, जतिन और आर्यन ने ज्ञानवापी की सुखद प्रस्तुति दी।

दिल को जीत लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त इलीट डान्स एकेडमी के कलाकारों ने सपना थापा के नृत्य निर्देशन में आकर्षक नृत्य की प्रस्तुतियां पेश की तो वहीं दूसरी ओर भास्कर बोस के निर्देशन में मंचित  नाटक ने भगवान शिव शंकर के शांत और रौद्र रूप के दर्शन करवाते हुए उनकी महिमा को रेखांकित किया।

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