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साकार फाउंडेशन ने किया लोकसंगीत संध्या का आयोजन

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लखनऊ 24 अप्रैल। नए कलाकारों को मंच प्रदान करने एवम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करने के उद्देश्य से साकार फाउंडेशन लोकसंगीत संध्या का आयोजन प्रति माह करती है । इस बार भी लोकसंगीत संध्या का आयोजन JC गेस्ट हाउस में हुआ । लगभग 75 महिलाओं ने इसमें बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया ।
मुख्य अतिथि कुमांयुनी कंठकोकिला श्रीमती विमल पंत , विशिष्ट अतिथि समाजसेविका शिखा सिंह पटेल एवम जरिया फाउंडेशन की सचिव श्रीमती ममता जिंदल रहीं।
संस्था की सचिव एवम प्रख्यात लोकगायिका प्रीति लाल ने संध्या का शुभारंभ देवी गीत मइया चलो दियना बार हमारे अंगना , इस गीत में सर पर गगरी और दीपक रखकर अनुजा , श्रेया , हरित ने मनमोहक नृत्य का प्रदर्शन किया ।नवोदित कलाकार नमन ने सोहर गीत प्रस्तुत किया।
इसके बाद क्रमशः सुमन शर्मा ने बहना घूमो रि भांवर सात रि तोहे जाना सजनवा के साथ रि , शशि गुप्ता ने शादी शादी शादी बन्ने जी तुम्हे शादी मुबारक हो , मीरा तिवारी ने कजरा बिकन को आया रि, सुषमा प्रकाश ने
बन्ना – नजरिया लग जैहै मोरे बन्ने को कोई मत देखो, अंजलि सिंह ने आज दूल्हे बने है राजा राम , दीपिका मिश्रा ने जयमाल गीत झुकी जईहो तनिक रघुबीर, रचना गुप्ता ने ,”निहुरे निहुरे परसे जनक जी ” , क्षमा द्विवेदी ने मै मनाऊँ शुभकामना बन्ना युग युग जीवे , रत्ना श्रीवास्तव बन्नी तेरा बन्ना दीवाना , साधना कपूर ने भजन , गीता निगम ने आजकल के बन्ना बन्नी रोज घूमने जाते हैं, अरुणा उपाध्याय ने आज तिलक चढ़ई रघुनंदन का गीत गाया । पूनम बिष्ट ,मंजू श्रीवास्तव , कुमकुम श्रीवास्तव , भूषण अग्रवाल, सौरभ कमल मंजू इत्यादि ने भी अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी ।
कीबोर्ड पर अरविंद वर्मा , ढोलक पर प्रदीप एवं ऑक्टोपैड पर अनिलराज ने शानदार संगत की ।

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