Home न्यूज सहारा हॉस्पिटल में नयी तकनीक ने दांतों की समस्या से मरीज को...

सहारा हॉस्पिटल में नयी तकनीक ने दांतों की समस्या से मरीज को दिलायी निजात

150
0

लखनऊ : 74 वर्षीय वृद्ध मरीज, डी. सी. श्रीवास्तव को पिछले दो साल से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि लेफ्ट साइड के दांत अंदर की तरफ धंस रहें हैं और दांतो के धंसने की वजह से उनकी परेशानी और उलझन धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी। तब मरीज ने घर‌ के पास के दन्त चिकित्सक से परामर्श लिया तो उनसे कोई आराम नहीं मिला। मरीज ने सोचा कि ई.एन.टी चिकित्सक को रिपोर्ट को दिखाकर परामर्श लिया जाए लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी और उनकी समस्या का समाधान न हुआ। तब मरीज ने परेशान होकर सरकारी हॉस्पिटल के न्यूरो डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने एम. आर. आई. करवाने को कहा परन्तु उसमें भी कुछ दिक्कत दिखाई नहीं दी। अब मरीज बेहद परेशान हो चुका था। उसको किसी डॉक्टर ने आराम के लिए सरसों के तेल व नमक से मालिश करने को कहा।

एक दिन जब वह मालिश कर रहे थे तो उनका अंगूठा दांतो से टकराया और उन्हें गले में हड्डी महसूस हुई, तब उसने सहारा हॉस्पिटल के ओरल व मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. एस. पी. एस. तुलसी से परामर्श लिया। मरीज व उनके परिजन पहले भी सहारा हॉस्पिटल में किसी का इलाज़ करवा चुके थे।
जब सहारा हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टर तुलसी को मरीज ने दिखाया तो उन्होंने परामर्श के दौरान दांतों में दिक्कत बतायी और यह भी बताया कि मरीज के गले की हड्डी बढ़ी हुई है। डॉ. तुलसी ने मरीज को यह जानकारी दी कि यह बहुत ही रेयर केस है। फिर मरीज को डॉक्टर ने जरूरी जांचें करवायीं। जांचों की रिपोर्ट देखने के बाद हड्डी के बढ़ी होने की पुष्टि हुई, जिसे मेडिकल भाषा में ईगल्स सिन्डोरम यानि स्टालायड ( हड्डी का बढ़ना) भी कहते हैं। तब डॉ. तुलसी ने मरीज को कहा कि उसका ऑपरेशन के अलावा कोई इलाज नहीं है । उन्होंने मरीज को यह भी बताया कि यह सर्जरी बहुत ही जोखिम भरा है, क्योंकि इसमें सभी नसों को बचाते हुए मुँह के अंदर बढ़ी हुई हड्डी को ऑपरेट करके निकलना पड़ेगा या फिर बाहर से ऑपरेशन करके निकालना पड़ सकता है। डॉक्टर तुलसी ने बताया कि यह सर्जरी करने के लिए एक नयी तकनीक जिसे ट्रांसफोरल स्टालायडक्टमी कहा जाता है, उसका इस्तेमाल करेंगे।

इसके बाद हुआ यह कि सहारा हॉस्पिटल में पहली बार इस तरह की तकनीकी का प्रयोग कर मरीज़ की सफल सर्जरी की गयी तथा उनको इस लम्बे समय से चली आ रही समस्या से निजात दिलवायी गयी। साथ ही डॉक्टर तुलसी ने भी बताया कि एक डॉक्टर के पास अत्याधुनिक उपकरणों का होना बहुत जरूरी होता है, और यह सब सुविधा सहारा हॉस्पिटल में एक ही छत के नीचे एक साथ उपलब्ध है, तभी इस नयी तकनीक का प्रयोग कर मरीज का इलाज सम्भव हो पाया।
मरीज सफल इलाज़ पाकर बेहद खुश व संतुष्ट था। मरीज ने डॉ. तुलसी को धन्यवाद दिया और यहाँ की सुविधाओं के लिए प्रबंधन की भरपूर प्रशंसा की।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंहजी ने बताया कि हमारे अभिभावक “सहाराश्री” जी ने लखनऊ को विश्वस्तरीय सहारा हास्पिटल प्रदान किया, जहाँ गुणवत्तापूर्ण उच्च कोटि की सेवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध करायी जा रही हैं। सहारा हॉस्पिटल की दक्ष टीम कुशलतापूर्वक निरन्तर मरीजों को सफल इलाज उपलब्ध करा रही है। सहारा हास्पिटल का दंत रोग एवं फेस विभाग जिसमें ट्रामा, सिस्ट, कैंसर, फ्रैक्चर का इलाज अति नवीनतम उपकरणों सहित उपलब्ध है। यहाँ निरन्तर नयी तकनीक का इस्तेमाल करके मरीजों को लाभान्वित किया जा रहा है। ट्रांसफोरल तकनीक से इस तरह की जटिल और चुनौतीपूर्ण सर्जरी करना इसी कड़ी में एक सफल कदम है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here