विगत पाँच पांच सालों से खाना न खा पाने की समस्या से ग्रसित महिला की सर्जरी कर उसकी समस्या से दिलाई मुक्ति
लखनऊ : सहारा हॉस्पिटल के डाक्टर अजय यादव ने खाना न खा पाने की समस्या से जूझ रही महिला की जटिल सर्जरी करने में सफलता पायी है। यह महिला पिछले पांच सालों से इस समस्या से परेशान थी और कई अस्पतालों में अपना इलाज कराया लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था।
उत्तराखंड की रहने वाली पार्वती देवी (58 वर्ष) को लगभग पांच साल से खाना खाते ही उल्टियां होने लगती थी, इससे वह बेहद परेशान थी। उनको उत्तराखंड के ही एक स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि यह गैस की समस्या हो सकती है या डायबिटीज या तनाव के अतिरिक्त बीपी के कारण भी दिक्कत हो सकती है। धीरे-धीरे जब समस्या बढ़ती गयी तो उन्हें पानी पीने में भी दिक्कत होने लगी, साथ ही वह शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो गयी तथा सांस लेने में दिक्कत और खांसी भी आने लगी थी। मरीज को उसकी बेटी ने बरेली में दिखाया, जहां उनकी एंडोस्कोपी की गयी और उन्हें बताया कि उनको हार्निया है और मरीज को इस इलाज के लिए दिल्ली या फिर लखनऊ जाना होगा। अब मरीज के परिजन अच्छे हॉस्पिटल की तलाश करने लगे। इंटरनेट पर सर्च करके मेडिकल कॉलेज में दिखाया परन्तु वह संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद उनके एक परिचित सहारा हॉस्पिटल में कार्यरत की सलाह पर सहारा हॉस्पिटल के सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय यादव को दिखाया गया। डॉ. यादव ने मरीज की कुछ जांचें करवायी और बताया कि मरीज की फूड नली सिकुड़ चुकी है और उसे सर्जरी के द्वारा फैलाया जाएगा। इसके बाद 15 नवम्बर को मरीज का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। ऑपरेशन के दूसरे दिन से ही महिला मरीज ने खाना पीना शुरू कर दिया तथा पांचवें दिन मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे खाने-पीने में भी कोई दिक्कत नहीं है। बेहतर इलाज मिलने पर महिला और उसके परिजनों ने सहारा हॉस्पिटल के डॉक्टर, स्टाफ तथा प्रबंधन की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि सहारा हॉस्पिटल का गैस्ट्रो सर्जरी विभाग हर प्रकार की सुविधाओं से लैस है। अत्याधुनिक उपकरण व अनुभवी चिकित्सक निरंतर नयी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए मरीजों की जटिल सर्जरी करके लाभान्वित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अभिभावक सहाराश्री जी द्वारा प्रदत्त अस्पताल का दिनोंदिन नये आयाम स्थापित कर रहा है।