Home न्यूज संजोली के लोकगीतों व श्रद्धा के लावणी नृत्य की मनोरम छटा बिखरी

संजोली के लोकगीतों व श्रद्धा के लावणी नृत्य की मनोरम छटा बिखरी

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विनोद कुमार सिंह को मिला सन्त तुलसी सम्मान

भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव चौथी संध्या 

लखनऊ, 5 अप्रैल 2022। तुलसी शोध संस्थान श्रीराम लीला समिति ऐशबाग के तत्वावधान और संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत श्रीराम लीला मैदान में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 की चौथी संस्कृतिक संध्या मे संजोली पान्डेय के लोकगीतों व श्रद्धा सतविडकर के लावणी नृत्य की मनोरम छटा बिखरी।

आज की भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 की चौथी सांस्कृतिक सन्ध्या उदघाटन मुख्य अतिथि राकेश पाल उपाध्यक्ष भाजापा उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि आशा मौर्य विधायक महमूदाबाद सीतापुर ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर श्री राम लीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल, सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी और मयंक रंजन ने प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र,राम चरित मानस और स्मृति चिन्ह भेंटकर सन्त तुलसी सम्मान से सम्मानित किया।

संगीत से सजे कार्यकाम का शुभारम्भ संजोली पान्डेय ने देवी पचरा से खोला ना केंवड़िया हे मयरिया हमरी ना से कर लोगो को दुर्गा जी की भक्ति के सागर में आकन्ठ डुबोया। इसी क्रम में संजोली ने सपनी खनकती  हुई आवाज मे चैती-बीत गइले असो के फगुनवा हो रामा तोरे बिन बलमा, सासू कय बीनी डलरिया हो महुआ बीने जाबय, बलम भये गुलरी कय फुलवा, राम जी के भइले जनमवा मन झूमत बा और

अवध मा बाजे सखी आज बधईया को सुनाकर श्रोताओं की असंख्य तालियां बटोरीं।

भक्ति संगीत से परिपूर्ण इस प्रस्तुति के उपरान्त शुग्रा ने भक्ति गीतों की सरिता प्रवाहित की, उन्होने अपने कार्यकम की शुरुवात घर में पधारो गजानन जी से कर श्रोताओं को गणेश जी की भक्ति का रसापान कराया। इसी क्रम में शुग्रा ने अपनी सुमधुर आवांज में सत्यम शिवम सुन्दरम, एक राधा एक मीरा, पायो जी मैने राम रतन धन पायो जैसे अन्य गीतो को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर किया।

भक्ति भावना से सराबोर इस पेशकश के बाद मुम्बई महाराष्ट्र की श्रद्धा सतविडकर के नृत्य निर्देशन में शिवंया माण्डवकर के गाए मराठी गीतों पर चैतन्य पाटिल, पल्लवी पाटिल, निभा झेम्से, अक्षय

मालवलकर, पूजा चौधरी और तेजस्वी वाडेकर ने लावणी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के बाद स्वर्धा म्यूज़िक एण्ड डांस अकेडमी के कलाकारो वर्निका श्रीवास्तव, एहसानी श्रीवास्तव, प्राची पान्डेय, वर्ड वर्मा, आमा चौधरी और रीनू पान्डेय ने या देवी सर्वभुतेषू पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भगवती देवी दुर्गा के नवो रूपों के दर्शन कराए। भक्ति भावना से ओतप्रोत इस प्रस्तुति के उपरान्त हार्ट एण्ड सोल कलचरल सोसाइटी के कलाकारों आन्या पान्डेय, स्वरा त्रिपाठी, हरगम चोपड़ा, श्री वर्मा, वैष्णवी शुक्ला, भव्या श्रीवास्तव, आदया तिवारी ने राजस्थानी घूमर नृत्य की मनोरम छटा बिखेरी।

संगीत से सजे इस प्रस्तुति के उपरान्त पायनियर मोन्टेसरी इन्टर कालेज के अतुल, विराट, खुशी, उन्नति, कशिश, कोमल, विधा, देवांशी, रौशनी, वैष्णवी, दिशा, स्तुति सहित अन्य कलाकारों ने रीतिका श्रीवास्तव और अभिषेक श्रीवास्तव के निर्देशन में देश भक्ति गीत तलवारो पर सिरवार किया गीत पर नृत्य कर जहां लोगो मे देशप्रेम की भावना भरी वहीं तारे जमीन पर गीत सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता। इसके अलावा गुजरात के लोककलाकारो ने तलवार रास नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी।

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