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वन्दना श्री की फूलों की होली व शीतला के फरुवाही नृत्य ने समां बांधा

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चैती महोत्सव-2023 अंतिम समापन संध्या 

लखनऊ, 31 मार्च 2023। तुलसी शोध संस्थान उ.प्र. एवं अयोध्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग उ.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में श्री रामलीला परिसर ऐशबाग में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव – 2023 की अंतिम समापन संध्या में वन्दना श्री की फूलों की होली व शीतला के फरुवाही नृत्य ने समां बांधा।

इसके पूर्व आज की सांस्कृतिक सन्ध्या का उद्घाटन विधायक आशुतोष टंडन (गोपाल जी) ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर पं आदित्य द्विवेदी, हरीश चन्द्र अग्रवाल और प्रमोद अग्रवाल ने आशुतोष टंडन  को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव-2023 की अंतिम सांस्कृतिक सन्ध्या का शुभारम्भ अयोध्या की पावन धरती से पधारे शीतला प्रसाद के निर्देशन में फरुवाही नृत्य से हुआ, जिसके क्रम में भास्कर विश्वकर्मा (आर्गन), उत्तम (ढोलक), अंजनी दास (नक्कारा), भारत दास  (लोक गीत) की सार्थक संगति में माता प्रसाद वर्मा, अमन, आकाश, महेश, दीपक, विनीत, अनुराग, शुभम, सत्यम, शिवम्, रमा शंकर, रमा, साक्षी, अमृता और रंजना ने शीतला प्रसाद के निर्देशन में फरुवाही नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त चैती महोत्सव मे वन्दनाश्री की गायकी और बृज की फूलों की होली ने दर्शकों को भाव विभोर किया।

ब्रज रत्न वन्दनाश्री मथुरा द्वारा “मेरे राम” का दिव्य मंचन प्रस्तुत हुआ तो वहीं दूसरी ओर वन्दनाश्री ने अपनी गायकी से सिद्ध कर दिया कि ब्रज रस की महिमा, वाणीका माधुर्य और ब्रज गायिका का सरसगान क्या होता है। विशुद्ध पदों वाले लोकगीतों के आत्मविभोर करने वाले गान ने दर्शकों का मन मोहा।

एक से बढ़कर एक भजनों एवं भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का मंचन किया गया। विश्व प्रसिद्ध ब्रज की लट्ठमार और फूलों की होली से कार्यक्रम का समापन हुआ। देश विदेश में रास संगीत एवं लोक संगीत का परचम लहराने वाली अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ब्रज रत्न वन्दनाश्री की सुमधुर भाव में भजनामृत ने भक्तों को भाव विभोर कर दिया।

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