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मानवता और उदारता कायम रखने का संदेश दे गया नाटक ‘ मीठी ईद ‘

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लखनऊ , जनवरी 2024। आकांक्षा थियेटर आर्ट्स लखनऊ द्वारा भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, संस्कृति विभाग नई दिल्ली के सहयोग से द्वितीय संध्या में वाल्मीकि प्रेक्षागृह उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर, लखनऊ में प्रतिभागी संस्था श्रद्धा मानव सेवा कल्याण समिति द्वारा बी.एल. गौड़ की मूल कहानी का प्रेरणा अग्रवाल के रूपान्तरण एवं अचला बोस के निर्देशन में नाटक ‘ मीठी ईद ‘ का मंचन किया गया। इसके पूर्व नाट्य प्रदर्शन का उद्घाटन मुख्य अतिथि इं. गोपाल सिन्हा ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

नाटक ‘ मीठी ईद ‘ ने मेहनत और ईमानदारी से काम करने की प्रेरणा देते हुए बताया की मेहनत और ईमानदारी यह दोनो ऐसी चीजें हैं, जिससे व्यक्ति जीवन में सदैव सफल होता है वहीं दूसरी ओर जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानवता और उदारता रखने का संदेश दिया। नाटक ‘ मीठी ईद ‘ के कथानुसार विजय रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है और अपनी पत्नी शारदा के साथ सुखी होता है। वह देश व्यापी रेल हड़ताल के दौरान ईमानदारी से मजदूरों का साथ देता है जिसके कारण उसका स्थानांतरण जम्मू हो जाता है। जम्मू में राजेश नाम का एक व्यक्ति विजय का घनिष्ठ मित्र बन जाता है, जहां विजय की मुलाकत अब्दुल नाम के मुस्लिम मजदूर से होती है। दोनो अलग वर्गों से होते हैं और उनके मध्य संवेदनशील रिश्ता बन जाता है।

जब अब्दुल बीमार पड़ जाता है तो राजेश के माध्यम से विजय को पता चलता है कि अब्दुल बहुत बीमार है, तब वह अब्दुल के घर जाकर उसकी मदद करता है। कथावस्तु बदलती है और ईद मनाने के लिये अब्दुल की पत्नी फातिमा अपने हाथ के कड़े महाजन के पास गिरवी रख देती है, और अब्दुल, फातिमा के साथ विजय के लिये ईद की सिवईंया लेकर जाता है तो विजय को अब्दुल से पता चलता है कि फातिमा ने यह सब अपनी गरीबी के चलते किया। एक बार  विजय के पैर में गम्भीर चोट लग जाती है तो अब्दुल, विजय की सेवा करता है। जब विजय बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है तब अब्दुल पांच हजार विजय को वापस करने आता है, तब विजय अब्दुल से कहता है कि उसने पांच हजार रूपये पहले ही चुका दिये है। अब्दुल के आश्चर्य पूर्वक पूछे जाने पर कि कब उसने पांच हजार रूपये चुकाये है। तब विजय अब्दुल को बताता है कि दस दिन तक निरन्तर दिन रात उसके घर में रहकर सेवा करता है उसी में उसके पांच हजार वसूल हो गए। इसके बाद विजय का स्थानान्तरण पुनः गाजियाबाद हो जाता है, वह अपना चार्ज राजेश को सौंप देता है। अब्दुल और राजेश भाव विभोर हो एक दूसरे को गले लगा लेते है, यहीं पर नाटक समाप्त हो जाता है।

सशक्त कथानक और उत्कृष्ट संवाद अदायगी से परिपूर्ण नाटक ‘ मीठी ईद ‘ में तारिक इकबाल, अनमोल कुमारी, अशोक लाल, जारा हयात, मोहित यादव, आनन्द प्रकाश शर्मा, कमेन्द्र सिंह गौर और सचिन सिंह चौहान ने अपने दमदार अभिनय से रंगप्रेमी दर्शकों को देर तक अपने आकर्षण के जाल में बांधे रखा। नाट्य नेपथ्य में सेट डिजाइनिंग कर्मेन्द्र सिंह गौर, सेट निर्माण अरूण कुमार एवं सुब्रोतो बोस, संगीत दीपिका बोस, प्रकाश गिरीश अभीष्ट, रूप सज्जा विश्वास वैश्य का योगदान नाटक को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

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