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बड़े मंगल पर ‘राम नाम की मधुशाला’ के गेय संस्करण का विमोचन

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अनूप जलोटा भजन सुनाए, बताया खोलेंगे आध्यात्मिक संगीत अकादमी
लखनऊ, 17 मई। भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आज बड़े मंगल के अवसर पर प्रेम नारायण मेहरोत्रा रचित चर्चित काव्य कृति ‘राम नाम की मधुशाला’ के गेय संस्करण का भव्य लोकार्पण यहां होटल बेबियन इन के हाल में आयोजित समारोह में प्रो.कमला श्रीवास्तव, कमलकृष्ण मेहरोत्रा, संगीतकार विवेक प्रकाश व गणमान्य अतिथियों की उपस्थित में किया। इस अवसर पर उन्होंने ऐसी लागी लगन…. और अच्युतम केशवम् कृष्ण दामोदरम…. जैसे भजन सुनाए और श्रोताओं से भी गवाए।
मुख्य अतिथि गायक अनूप जलोटा ने इस मौके पर कहा कि आज कृति के दूसरे गेय संस्करण का विमोचन हो रहा है। लेखक की यह कृति विश्व में ख्याति अर्जित कर रही है। मुझे लगता है कि जब यह लिखने बैठते हैं तो हनुमान जी इनसे कलम छीनकर स्वयं लिखने लगते हैं। श्री जलोटा ने बताया कि बहुत जल्द ही वह अपने शहर लखनऊ में ‘जलोटा एकेडमी ऑफ स्प्रिचुअल म्यूजिक’ खोलने जा रहे हैं। जहां आध्यात्मिक संगीत के के संग शास्त्रीय संगीत भी सिखाया जायेगा। इसका संचालन युवा संगीतशास्त्री शिवांगी बाजपेयी करेंगी। अनूप जलोटा से पहले लेखक ने विचार रखे और बताया कि पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने लगभग चार वर्ष पहले इस काव्यकृति का विमोचन किया था। इस काव्यकृति पर कथक नाटिका भी तैयार हो चुकी है। आज के कार्यक्रम में अनूप जलोटा के भजन पर ज्योति किरन रतन ने नृत्य भी प्रस्तुत किया।
रचना के गेय संस्करण के संगीतकार मुम्बई के विवेक प्रकाश ने चार भागों में विवेक प्रकाश व रोली प्रकाश के स्वरों में रिकार्ड की गयी कृति राम नाम की मधुशाला के अंशों के साथ हनुमत तेरी….. और रामजी हमारा कहा मान जाओ….. जैसे मधुर भजन सुनाए। डा. उषा बाजपेयी के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में आनन्द महाराज, गायिका पद्मा गिडवानी, पं.रविशंकर फाउण्डेशन के प्रभारी नबारुन चटर्जी, गणमान्य अतिथि और संगीतप्रेमी उपस्थित थे।

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