लखनऊ ( 4 फरवरी) को पद्म विभूषण पं० बिरजू महाराज जी का जन्मदिन होता है उनकी रहते हुए भी कथक के कलाकार महाराज जी का जन्मदिन उल्लास पूर्वक मनाते थे । अब कथक के गुरु महाराज जब सशरीर हम सबके मध्य नही है इसके बाद कथक कलाकारो ने अपने कथक अराध्य गुरु महाराज जी का जन्मदिन उसी शान और उल्लास से कथक की तालो टुकडो और घुँघरू की झनकार के साथ मनाया ।लखनऊ के कथक कलाकारो संग गीत संगीत के अनय विधा के कलाकार आज पं बिन्दादीन महाराज जी की ड्योढी पर एकत्र हुए। प्रचलित परम्परा मे महाराज जी के चित्र पर माल्यार्पण, और पुष्पांजलि दीप जला कर श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। तत्पश्चात महाराज जी के भाई पं राम मोहन महाराज और बहन रामेश्वरी देवी संग ,सुरभि सिंह , पूर्णिमा पाण्डेय , .ने केक काटकर महाराज जी के जन्मदिवस की बधाई दी।रुचि खरे , हिमांशु श्रीवास्तव, लवीना जैन , , पं० रामेश्वर प्रसाद मिश्र, श्रीमती मीरा दीक्षित जी श्रीमती बीना सिंह जी. सुश्री सुरभि सिंह जी, श्री इल्माज हुसैन खाँ साहब, श्री विकास मिश्र जी, श्री अनुज मिश्र, एकता मिश्र, ईशा रतन, अंकीता मिश्र, अकांक्षा पाण्डे आदि कलाकारों ने महाराज जी को नमन स्वरूप मे विशेष टुकड़े, परन, तिहाईयां भाव प्रदर्शन में कई तुमरिया आदि प्रस्तुत की। अपने गुरुजनों के साथ मिलकर सभी शिष्यों ने भी ताल से ताल मिलाई एवं अपनी हाजिरी दी। ड्योढी वह स्थान है जो कथक लखनऊ घराने का मंदिर है जो आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। और इस घराने को इस स्तर तक पहुंचाने का सबसे बड़ा श्रेय भी पं० बिरजू महाराज जी को ही जाता है। इसीलिए इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के सभी कलाकारों ने इस कार्यक्रम को प्रतिवर्ष सरकार द्वारा उच्च स्तर पर कराये जाने की माँग की जिससे पूरे विश्व से कथक के साथ गीत संगीत विधा के कलाकार यहाँ आकर अपनी हाजिरी दे सकें। इस प्रकार कथक और लखनऊ की शान पं० बिरजू महाराज जी के जन्मोत्सव को और भी वृहद रूप दिया जा सके।