लोकतंत्र बचाने को गदनपुर हाउस में जलसा
लखनऊ, 20 फ़रवरी। देश प्रदेश में नफरत की सियासत की जगह मुहब्बत की राजनीति को अहमियत देना वक़्त का बड़ा तक़ाज़ा है। ऐसा आज नहीं कर पाए तो न सिर्फ अपने लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बिगड़ा भविष्य छोड़कर जायेंगे। लिहाजा हमें अपने अधिकार और देश के संविधान की रक्षा के लिए फौरन ही खड़े होना होगा और लोकतंत्र के पर्व में पूरी जिम्मेदारी से भागीदारी निभानी होगी।
ये विचार दानिश्वरों और क़ौमी व मिल्ली रहनुमाओं की मौजूदगी में चुनावों में भागीदारी विषयक एक सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए अतहर नबी एडवोकेट ने व्यक्त किये। कई संगठनों से सम्बद्ध और हिंदी उर्दू साहित्य अवार्ड कमिटी के अध्यक्ष श्री नबी ने कहा की हमारा देश कई संस्कृतियों की मिली-जुली संस्कृतियों वाला है। यहाँ पर कई धर्म, भाषाओं और अलग-अलग पंथ-सम्प्रदाय के लोग रहते हैं। यही हमारे देश की ख़ूबसूरती है कि जो हर ज़ात मज़हब और बिरादरी को बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन हाल में कुछ राजनीतिक फ़िरक़ा परस्तों का टोला मज़हबी रवादारी को बहुत नुकसान पहुंचाने के साथ फ़िरक़ापरस्ती को अहमियत़ दे रहा है। साथ ही देश-प्रदेश के प्रशासनिक, आपसी मेल-मिलाप, भाईचारे और राष्ट्रीय एकता की भावना को ठेस पहुंचा रहा है। इसलिए धार्मिक रहनुमाओं, दानिश्वरों और शहर के गणमान्य प्रतिष्ठित नागरिकों का शिष्टाचार अपनाते हुए अख़लाक़ी और मज़हबी ज़िम्मेदारी है कि वर्तमान नफरत की सियासत को रद् करते हुए अवाम से मुहब्बत की सियासत को मज़बूत करने वाली सियासी जमात समाजवादी पार्टी को इकि़्तदार में जायें ताकि देश की आत्मिक पहचान सुरक्षित रहे। यहां जदुनाथ सान्याल रोड शिवाजी मार्ग गदनपुर हाउस में दानिश्वरों, मिल्ली और समाजी रहनुमाओं की उपस्थिति में वक्ताओं ने सेमिनार में कहा कि हर नागरिक का यह अधिकार है कि उसे रोज़गार, सुरक्षा, शांति, धार्मिक स्वतंत्रता, साफसुथरा माहौल और बेहतर भविष्य मिल सके।
समाजवादी अकलियती सभा के कुल हिन्द सेक्रेटरी सईद बिलाल नूरानी ने कहा कि जम्हूरियत में अवाम सबसे बड़ी होती है। अगर मुल्क की अवाम किसी पार्टी की हुकूमत बना सकती है तो मौजूदा हुकूमत गिरा भी सकती है। इंसानी ज़रूरियात मंदिर व मस्जिद हैं लेकिन इन सब से ऊपर उठ कर रोज़गार तालीम साफ़ पानी और आबो हवा अच्छी सड़कें अम्नो सुकून और दीगर ज़रुरियात हैं जो हाल की बीजेपी हुकूमत में दूर दूर तक नज़र हैं। इसलिए हुकूमत की मुन्तक़िली बहुत ज़रूरी है और किसी ऐसे तालीम याफ्ता संजीदा और आईन के मुहाफ़िज़ के हाथ में हुकूमत का जाना अकलियतों ख़ुसूसन मुसलमानों के लिए बहुत ज़रूरी है और इस के लिए बेहतरीन मुतबदील अखिलेश यादव और उन की जमात समाजवादी पार्टी है। मशहूर शायर हसन काज़मी कहा कि संविधान के हिसाब से हर वयस्क नागरिक को वोट डालने का हक है और इस आईनी हक़ का इस्तेमाल करना हमारी ज़िम्मेदारी है। हमारा वोट हमारी पीढ़ियों का भविष्य तय करता है, इसलिए वोटिंग के दिन हमको अपने सरे काम काज छोड़ कर वोट देने जरूर जाना चाहिए। इत्तिहाद, भाईचारे और क़ौमी यकजहती को फ़रोग़ देने वाली जमात को अपना क़ीमती वोट देकर इकि़्तदार में लाना है। हमारे पास बेहतरीन मुतबदील के तौर पर समाजवादी पार्टी और इस के उम्मीदवार मौजूद हैं।
सिदरा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के जियाउल्लाह सिद्दीकी नदवी ने इन चुनावों का महत्व रखते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में लोकतंत्र, दस्तूर, मुल्क के आईनी इदारों और भाईचारे को नुकसान हुआ है। कोरोना में जनता को बेहतर सुविधाएं और और इलाज में वर्तमान हुकूमत नाकाम रही है। इसलिए देश की खुशहाली, निर्माण और तरक़्क़ी के लिए मौजूदा हुकूमत से किनारा करना बहुत ज़रूरी है। इन विधानसभा चुनाव में ऐसे उम्मीदवार और पार्टियों को ताक़त देने की ज़रूरत है जो अल्पसंख्यकों और मुसलमानो की शिक्षा और अभावों को दूर करे और उनकी हर तरह से सुरक्षा दिलाए और इस वक़्त प्रदेश में ऐसी जमात समाजवादी पार्टी ही है। सूबे के तमाम लोग वोट की ताक़त का इस्तेमाल करते हुए मौजूदा हुकूमत को इकि़्तदार से और अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का वज़ीरे आला बनाएं। नवाब मसूद अब्दुल्लाह, प्रेमशंकर भारती, एसएन लाल, विमल मिश्र और प्रज्ञा सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है। इस वक़्त हमारा प्यारा मुल्क निहायत नाज़ुक हालात से गुज़र रहा है। महंगाई ने गरीब और औसत दर्जे के शहरियों का जीना दुश्वार कर दिया है। बेरोज़गारी में दिन ब दिन इज़ाफ़ा होता जा रहा है। अवाम की आवाज़ को ताक़त से दबाने की कोशिश की जा रही है। फ़र्ज़ी मुक़दमों में उन्हें जेलों में बंद किया जा रहा है।