रविवार को ओम सत्संग मंडल रामपुरम, श्यामनगर के तत्वावधान मे श्री त्रिभुवन शंकर मिश्र ” चातक ” के सद्यः प्रकाशित गजल संग्रह ” मनका – ए – गजल ” का विमोचन गुरु जी डा० जय नारायण अवस्थी द्वारा किया गया |
कार्यक्रम का प्रारंभ विशिष्ट अतिथि श्री पथिक शि० प० इंटर कॉलेज साढ़ के पूर्व प्रधानाचार्य जगदीश नारायण अवस्थी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया |
पुस्तक मनका-ए-गजल का परिचय देते हुए त्रिभुवन शंकर मिश्र चातक ने बताया कि इस गजल संग्रह मे कुल 108 आध्यात्मिक गजलें संग्रहीत हैं जिनमें दीन दुनिया के बीच सम्यक संतुलन साधने, सामयिक लोकहित चिंतन और शाश्वत मूल्यों के अभिरक्षण का प्रयास किया गया है |
विशिष्ट अतिथि श्री जयनारायण ने कहा कि प्रस्तुत गजल संग्रह की हर एक गजल सद्भाव संजीवनी एवं शाश्वत मानवीय मूल्यों की अभिरक्षिका की भूमिका पूर्ण समर्पण एवं दायित्व बोध से कर रही है |
गुरु जी डा० जयनारायण ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि चातक जी की गजलों की भावभूमि आध्यात्मिक है| यह ईश्वरीय उद्दीपन की अनुभूति प्राप्त करने का एक शाश्वत दृष्टिकोण है | यह एक आंतरिक मार्ग है जो व्यक्ति को उसके अस्तित्व की खोज और पहचान हेतु समर्थ, सक्षम और योग्य बनाता है |
इस अवसर पर काव्य गोष्ठी भी संपन्न हुई |
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, राम भूषण कटियार से०नि० जि० वि० नि०, अरविन्द त्रिपाठी प्रधानाचार्य ज ० इ० का ० चौबेपुर असालतगंज, डा० सत्येंद्र यादव, अशोक भदौरिया, अभिषेक अवस्थी, रेखा श्रीवास्तव, उमा कटियार, मंजू दीक्षित, करुणा जी, रामदास प्रजापति के अतिरिक्त अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे |
कार्यक्रम का सुचारु संचालन केन्द्रीय विद्यालय के दुर्गा सहाय मिश्र द्वारा किया गया | संयोजक श्रीमती गीता जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया |