Home न्यूज ‘क्षितिज’ श्रृंखला में रतन बहनों का कथक

‘क्षितिज’ श्रृंखला में रतन बहनों का कथक

156
0

लखनऊ, जून। रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा की चपल गतियों से भरी कथक प्रस्तुतियां सुधी कला प्रेमियों को शास्त्रीय नृत्य की मधुरता के साथ रस सिक्त कर गईं। वाल्मीकि रंगशाला गोमतीनगर में आज शाम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की ओर से मासिक क्षितिज श्रृंखला के कार्यक्रम में लखनऊ की इन दोनों जुड़वां बहनों को अवसर प्रदान किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और कलाकारों द्वारा अरुण भट्ट, सुरभि सिंह, विकास मिश्र को अंगवस्त्र इत्यादि भेंटकर हुई। स्वागत परिषद के लखनऊ प्रभारी अरविंदकुमार ने किया, जबकि दीप प्रज्ज्वलित आयोजक परिषद के अध्यक्ष पावन पुत्र बादल ने किया।
गुरु पंडित अर्जुन मिश्र और सुरभि सिंह की शिष्या द्वय ईशा-मीशा ने प्रस्तुति का प्रारंभ रुद्राष्टकम की ओज भरे बोल नमामि शमीशाम निर्वाण रुपम की प्रस्तुति से किया।
बिजली सी गति से भरी प्रस्तुति के बाद दोनों बहनें पारंपरिक कथक दिखाने उतरीं। यहां तीन ताल में उपज,थाट, उठान के अलावा विलंबित लय में आमद, तोड़े और गुरु अर्जुन मिश्र की सिखाई बंदिशों, टुकड़ों- तिहाइयों को खूबसूरती से पेश किया। नृत्त पक्ष की इस प्रस्तुति में दोनों बहनों का सामंजस्य बेहद खूबसूरत बन पड़ा था। पद संचालन और हस्तकों के प्रयोग के साथ दुर्गा कवच , मध्य लडी में सजी रचनाओं ने इसे और दर्शनीय बना दिया।
भाव पक्ष में प्रात समय घरसो निकसी सखी ठुमरी – हटो छेड़ो न कन्हाई… में कसक-मसक, चेहरे के भावों और मुद्राओं ने नृत्य के अभिनय पक्ष को बेहद रोचक बना दिया। ईशा रतन यहां गोपी और मीशा रतन कृष्ण की भूमिका में प्रेक्षकों के सामने थीं।मंच संचालन स्वेता तिवारी ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here