बलरामपुर गार्डन में बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : चौथा दिन
लखनऊ, 25 सितम्बर। ‘लाल सेना ने मानवीय रिश्तों को खत्म कर दिया। वहां सबकी पहचान यही है कि वे कामरेड हैं। उन्हें सिर्फ बदला लेना है, हत्याएं करनी हैं, क्योंकि वे इस व्यवस्था को बदलना चाहते हैं, शोषितों-वंचितों के लिए एक खूबसूरत सा संसार बनाना चाहते हैं। पिछले कई सालों अनवरत जारी इस युद्ध में कितने ही शहीद हुए।’
अलविदा लाल सलाम सरीखे एकदम नये उपन्यास के झकझोर देने वाले इस अंश की तरह बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में चल रहे बीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के स्टालों पर सजी अनगिनत किताबों में साहित्य प्रेमी अपनी पसंद की किताबें छांट रहे हैं। मेले के चौथे दिन आज बड़ी संख्या में लोग स्टालों पर मनपसंद पुस्तक खोजते, मोमोज आइसक्रीम चाय-कॉफी लेते दिखायी दिये। मेला मंच पर पुस्तक विमोचन, लेखक से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा जैसे विविध कार्यक्रमों का आयोजन पुस्तक मेला मंच पर नियमित साहित्य और संस्कृति प्रेमियों के आकर्षित कर रहे हैं। ‘ज्ञान कुंभ’ की थीम पर केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा मुफ्त प्रवेश वाला यह पुस्तक मेला दो अक्टूबर तक चलेगा। मेले में हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है।
मेले में दिव्यांश पब्लिकेशन की नयी किताबों में जगदम्बा प्रसाद शुक्ल की हिंदू धर्म संस्कृति और तरुण प्रकाश की गीता श्लोकों पर आधारित गीतों में रची गीत गीता लोगों को भा रही है। दिव्यांश ने ओशो की कुल प्रकाशित 75 किताबों में से 20 इसी वर्ष प्रकाशित की हैं। आठ खण्डों का ओशो का गीता दर्शन सेट भी पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित करता है। स्टाल पर हिन्दी युग्म द्वारा प्रकाशित मानव कौल के उपन्यास टूटी हुई बिखरी हुई और संजय शेफर्ड की घुमक्कड़ कथा जिन्दगी जीरो माइल जैसी बहुत सी किताबें एकदम नयी प्रकाशित हैं। प्रकाशन संस्थान के स्टाल पर सभी पुस्तकों पर 20 प्रतिशत छूट है। यहां 2011 में उर्दू में छपी डा.मुंतजिर कायमी की हिन्दुस्तानी फिल्मों में तहजीब का डा.प्रार्थना सिंह द्वारा अनुवादित संस्करण इस वर्ष हिन्दी में छपकर आया है। स्टाल पर नयी किताबों में प्रभा कुमारी का उपन्यास राजा भरथरी, डा.रामरेखा का निबंध संग्रह एक लेखक की नरक यात्रा के अलावा प्रमोद भार्गव का उपन्यास दशावतार पसंद किया जा रहा है। प्रभात प्रकाशन के स्टाल पर नयी किताबों में सर्जिकल स्ट्राइक के नायक सुपर कॉप अजित डोभाल, मुकेश अंबानी की बायोग्राफी, इंदिरा नुई की बायोग्राफी, एनी फ्रैंक की एक किशोरी की डायरी , गोडसे की मैंने गांधी को क्यों मारा और सुधा मूर्ति की किताबों की मांग बनी हुई है। सामयिक प्रकाशन में रासबिहारी गौड़ के उपन्यास आवाजों के छायादार चेहरे के संग चित्रा मुदगल का नकटौरा, निर्मला भुराड़िया का जहरखुरानी और रेणुका तिवारी का अलविदा लाल सलाम नयी पुस्तकें हैं।
मेला मंच पर आज के कार्यक्रमों की शुरुआत आभूषण काव्यात्मक अभिव्यक्ति पटल और हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के काव्य समारोहों से हुआ। काव्य सतत साहित्य यात्रा के कार्यक्रम में लेखक संजीव जायसवाल संजय, विनीता मिश्रा, अलका प्रमोद व अन्य अतिथियों ने ज्योत्सना सिंह के लघुकथा संग्रह सारंगा का विमोचन करने के साथ उसपर चर्चा की। इसी क्रम में राजकमल प्रकाशन समूह की ओर से लम्बा प्रशासनिक अनुभव रखने वाले अधिकारी डा.अनिल पाठक के काव्य संग्रह ‘प्राण मेरे’ और कथा संग्रह ‘लावारिस नहीं मेरी मां है’ का विमोचन प्रो.सूर्यप्रसाद दीक्षित और डा.शम्भूनाथ ने सुधी साहित्य प्रेमियों की उपस्थित में किया और लेखक के संग विचारों को साझा किया। देर शाम चारु काव्यांगन की ओर से पुस्तक लोकार्पण के संग काव्य समारोह आयोजित हुआ। इस पुस्तक मेले के सहयोगी रेडियो सिटी, विजय स्टूडियो, बुबचिक, ऑरिजिंस, स्टार टेक्नोलॉजीज, रेट्रोबी, ऑप्टिकुंभ, मैगजीन पार्टनर्स सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र हैं।
26 सितम्बर के कार्यक्रम
पूर्वाह्न 11.00 बजे नवसृजन संस्था का कवि सम्मेलन
अपराह्न 1.30 बजे वाणी प्रकाशन की ओर से साहित्यिक आयोजन
अपराह्न 2.30 बजे शारदेय प्रकाशन द्वारा राजवंत राज की पुस्तक चुनिंदा पन्नों से कहो पर चर्चा
शाम 4.00 बजे कथा रंग की ओर से कहानी वाचन
शाम 5.30 बजे उत्कर्ष शुक्ला की पुस्तक का लोकार्पण व चर्चा
शाम 6.15 बजे रामकठिन सिंह की पुस्तक पकवा इनार के भूत का लोकार्पण व चर्चा
शाम 7.30 बजे ईश्वरीय स्वप्नाशीष समिति की ओर से महिलाओं का सुंदरकाण्ड पाठ