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किसानों ने ली प्राकृतिक विधि से गेहूं की फसल की जानकारी

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कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के प्रक्षेत्र पर लगे गौ आधारित प्राकृतिक खेती के गेहूं के परीक्षण को जनपद फर्रुखाबाद के किसानों के दल ने स्वयं आकर देखा। इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी डॉ. ए.के. सिंह ने किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि आज प्राकृतिक खेती की आवश्यकता है क्योंकि रसायनों के अधिकाधिक प्रयोग से मानव ,मृदा तथा पर्यावरण स्वास्थ्य निरंतर खराब होता जा रहा है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि कम से कम क्षेत्रफल पर ही सही लेकिन गौ आधारित प्राकृतिक खेती अवश्य अपनाएं। जिससे मृदा स्वास्थ्य के साथ ही मानव स्वास्थ्य भी सही रहे।

इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने किसानों को नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, जीवामृत, वीजामृत आदि के बनाने की वैज्ञानिक तकनीक को समझाया। उन्होंने कहा कि इन खादों में पौधों के लिए आवश्यक सभी 17 पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं। जिससे किसानों की कृषि लागत में कमी आती है उत्पादन बढ़ता है। इस अवसर पर किसानों ने प्राकृतिक विधि से उत्पादित गेहूं की फसल को भी देखा।

इस अवसर पर पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने प्राकृतिक खेती में पशुओं के योगदान विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने केंद्र पर लगी मत्स्य तकनीकी इकाई को भी किसानों को दिखाया। किसानों का नेतृत्व कर रहे पथिक सिंह चौहान ने बताया कि यह सभी किसान जनपद फर्रुखाबाद के कमालगंज विकास क्षेत्र से हैं। प्रक्षेत्र पर आकर प्राकृतिक खेती  के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर डॉक्टर निमिषा अवस्थी, डॉक्टर राजेश राय सहित अन्य वैज्ञानिकों ने भी जानकारी दी। फर्रुखाबाद के 60 से अधिक किसानों के दल ने कृषि विज्ञान केंद्र पर लगे गौ आधारित प्राकृतिक खेती का अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की।

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