लखनऊ, 13 जुलाई। सुप्रसिद्ध रंगकर्मी, लेखक-व्यंग्यकार, नागरी नौटंकी के जनक अकादमी रत्न उर्मिल कुमार थपलियाल के जन्मदिवस के अवसर पर उर्मिल रंग उत्सव की शुरुआत की जा रही है उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी भवन के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में उत्सव का उद्घाटन 16 जुलाई की शाम प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक करेंगे। यह उत्सव उनके 80वें जन्मदिन प्रारंभ होकर प्रथम पुण्यतिथि 20 जुलाई तक चलेगा।
डा.उर्मिलकुमार थपलियाल फाउण्डेशन के इस उर्मिल रंग उत्सव के बारे में आयोजक द्वय रितुन थपलियाल व सत्येन्द्र मिश्रा ने बताया कि हिन्दी रंगजगत में लोक शैली से नागरी नौटंकी का स्वरूप विकसित करने वाले डा.थपलियाल कृत हरिश्चन्नर की लड़ाई की उनके ही निर्देशन में हुई प्रस्तुति एक मील का पत्थर है। उन्होंने अनेक नाटक रचने और निर्देशित किये और इससे अलग एक कॉलमिस्ट और व्यंग्यकार के तौर पर भी स्थापित हुए। उनको समर्पित इस रंगोत्सव की हर प्रस्तुति में उनका उल्लेखनीय योगदान है। पहली शाम दर्पण रंगसंस्था के कलाकारों द्वारा डा.थपलियाल के गीत संगीत से सजे डा.शंकर शेष के लिखे नाटक ‘कोमल गांधार’ की उनके द्वारा संपादित प्रस्तुति पीयूष पाण्डे की परिकल्पना व निर्देशन में मंचित होगी। दूसरी शाम 17 को आयोजक फाउण्डेशन की डा.थपलियाल द्वारा लिखित -निर्देशित प्रस्तुति ‘हे ब्रेख्त’ इस बार रितुन थपलियाल व नितीश भारद्वाज के संयुक्त निर्देशन में मंच पर होगी। तीसरी शाम 18 जुलाई को रंगयात्रा संस्था के कलाकारों द्वारा ज्ञानेश्वर मिश्र ज्ञानी के निर्देशन में रवीन्द्रनाथ टैगोर की मूल कथा पर डा.थपलियाल का लिखा ‘मुक्ति का उपाय’ नाटक और 19 जुलाई को मंचकृति द्वारा संगम बहुगुणा के निर्देशन में रमेश मेहता कृत ‘अंडर सेक्रेट्री’ नाटक के डा.थपलियाल द्वारा तैयार मंचालेख ‘साहब मेमसाहब’ का प्रदर्शन उत्सव कें अंतर्गत होगा। अंतिम दिन कल्चरल क्वेस्ट संस्था द्वारा सुरभि सिंह की कोरियोग्राफी व निर्देशन में डा.थपलियाल की लिखी कथक नृत्यनाटिका ‘आज की द्रौपदी’ का प्रदर्शन होगा। सभी प्रस्तुतियां निःशुल्क हैं और प्रथम आगत प्रथम स्वागत के आधार पर रंगप्रेमियों को प्रवेश दिया जायेगा।