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उत्तर प्रदेश के राजभवन तक पहुंची राजसूय यज्ञ की गूंज

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न्यूज लाइव ब्यूरो रिपोर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मियांगंज में आगामी 10 से 14 नवंबर के मध्य होने वाले राजसूय यज्ञ की गूंज राजभवन तक पहुंची। मंगलवार को राजसूय यज्ञ के संयोजक मुकेश गुप्ता तथा गायत्री परिवार ट्रस्ट, पिहानी के प्रमुख ट्रस्टी अतुल कपूर राजसूय यज्ञ का आमंत्रण देने राजभवन लखनऊ पहुंचे।
आयोजकों ने राजसूय यज्ञ की विराट कलश यात्रा का 10 नवंबर को शुभारंभ करने के लिए राज सत्ता की प्रमुख प्रतिनिधि तथा नारी शक्ति की सशक्त प्रतिमूर्ति उत्तर प्रदेश की गवर्नर राज्यपाल महामहिम माननीय श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी को आमंत्रण देने के लिए पहला चरण पूरा किया। वहां के कार्यक्रम प्रभारी संदीप कुमार सिंह तथा गवर्नर के एडीसी ने राजसूय यज्ञ के बारे में विस्तृत चर्चा की तथा गायत्री परिवार के प्रतिनिधि मंडल को ससम्मान राजभवन के दर्शन कराए।प्रतिनिधिमंडल में लखनऊ के शशांक ‘विभु’ तथा नरेंद्र देवड़ी भी मौजूद रहे। सभी ने राजभवन में स्थापित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर श्रद्धा पूर्वक नमन वंदन करके, भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित किए जाने के लिए आयोजित इस राजसूय यज्ञ की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा।
उल्लेखनीय है कि राजसूय यज्ञ में राजा अथवा राज्य सत्ता के प्रतीक प्रतिनिधि के रूप में विशेष कर्मकाण्डों को विशिष्ट यजमान के रूप में संपन्न कराने की प्राचीन वैदिक परिपाटी है। राष्ट्र को समर्पित इस राजसूय यज्ञ में सत्ता के प्रतीक प्रतिनिधि के रूप में शासनाध्यक्षों सहित लोक सभा, राज्य सभा, विधानसभा, ग्राम सभा, जिला पंचायत व नगर पंचायतों के अध्यक्ष तथा सदस्य भी राष्ट्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आहुतियां देंगे।

रामायण काल व महाभारत काल के बाद होगा इस सदी का पहला राजसूय यज्ञ

गायत्री परिवार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल अतुल कपूर ने बताया कि रामायण काल कथा महाभारत काल के बाद इस सदी में पहली बार यह राजसूय यज्ञ का यह विराट आयोजन होने जा रहा है, जिसमें एक मंच पर राजतंत्र के गौरवशाली पदों पर आसीन प्रमुख प्रतिनिधि पूजन करेंगे तथा तथा शासन सत्ता से जुड़े विभिन्न पदों पर आसीन प्रतिनिधि विराट यज्ञशाला में भूमिति, जयोमिति तथा वास्तु शास्त्र के आधार पर निर्मित विशेष यज्ञ-कुंडों में श्रद्धा सहित आहुतियां देंगे। दूसरे मंच पर धर्म तंत्र के प्रमुख संत तथा विविध धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख धर्मगुरु राजतंत्र का मार्गदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि पहले राजतंत्र था। तब राजा अथवा उनके प्रतिनिधि राजसूय यज्ञ में प्रमुख भूमिका निभाते थे। वर्तमान समय में प्रजातंत्र है, इसमें प्रजातंत्र में अग्रिम भूमिका निभाने वाले सत्ता के प्रतिनिधियों तथा प्रजातंत्र के रखवाले भारत के आम नागरिकों को भी यज्ञ में आहुतियां देने का अवसर दिया जाएगा।

6 अक्टूबर को विराट यज्ञशाला का होगा भूमि पूजन

आगामी 6 अक्टूबर को राजसूय यज्ञ की विराट यज्ञशाला के भूमि पूजन हेतु उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रण स्वीकार किया है। भूमि पूजन में अनेक सांसद, विधायक तथा उच्च पदस्थ आईएएस तथा पीसीएस संवर्ग के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त अधिकारी गण भी भागीदारी करेंगे।

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