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अवध शिल्प ग्राम में कैलाश खेर ने सजाई सुरों की महफिल

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उत्तर प्रदेश दिवस समारोह तीसरा दिन प्रतिभागी कलाकारों को मिले प्रमाण पत्र

लखनऊ, 26 जनवरी। गणतंत्र दिवस और वसंत पंचमी की वेला पर उत्तर प्रदेश दिवस समारोह की तीसरी सांझ यूं तो बॉलीवुड के छोटे कद के बड़े कलाकार कैलाश खेर के नाम रही। इसके साथ ही अवध शिल्प ग्राम के मंच पर आज भी देश प्रदेश के कलाकारों ने गीत संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों ने भी देखने सुननेवालों का दिल जीता।
बीसियों बॉलीवुड, सूफी और कैलासा सीरीज के गीतों के संग अपनी सोज भरी आवाज से प्रसंशकों का दिल जीतने वाले गायक कैलाश खेर ने आगाज कागा सब तन खाइयों….. से की। दूसरा गीत – में तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया…. था। अपने कैलासा ग्रुप के सदस्यों के साथ अगला गीत – आओ जी….. रहा। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी और उनकी टीम की तारीफ करते हुए तौबा तौबा रे तेरी सूरत माशाअल्लाह रे तेरी सूरत… पेश करने से पहले उन्होंने पीछे वाले श्रोताओं से नाचने का आग्रह किया। फिर तो कैसे बताएं….. तू जानेजां…. जैसे गीतों का एक सिलसिला सा चल पड़ा। मगर इसमें बिजली गुल होने से रंग दीन्ही…. गीत शुरू होते ही व्यवधान पड़ा। पिया के रंग रंग दीन्ही… की शुरुआत सूफियाना अंदाज में फिर से हुई। अटूट सिलसिला – तेरे बिन नई लगदा …. और तेरी दीवानी…… से चल पड़ा।
कैलाश खेर से पहले भजन गायिकी के लिए विख्यात अग्निहोत्री बंधु राकेश-देवेश ने शिव की महिमा का बखान किया। भक्ति भाव में पगी अपनी आवाज में उन्होंने – हर बम बम हर बम बम …. स्तुति प्रस्तुत की।

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने फरवरी के दो बड़े आयोजनों इन्वेस्टर समिट और जी20 सम्मेलन के आयोजनों का जिक्र करते हुए कलाकारों और संस्कृति विभाग को शुभकामनाएं दीं। साथ ही बताया कि आयोजन एक माह तक चलेगा। उन्होंने छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और प्रदेश के नर्तक दलों के दल नायकों शीतला प्रसाद वर्मा, मोहिनी, राजेश मरावी, नितिन दवे, जैनी, पी जोय और खजाना सिंह को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।
इससे पहले प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति मुकेश मेश्राम ने सबको शुभकामनाएं देते हुए बताया कि 24 से 26 तक उत्तर प्रदेश दिवस के आयोजन सभी जिलों में हुए। प्रदेश स्तरीय आयोजन लखनऊ और नोएडा में हुए।
अतिथियों के तौर पर एमएलसी अश्वनी त्यागी, मंडलायुक्त रोशन जैकब और जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, विशेष सचिव आनंद कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे।
इससे पहले आज सुबह मंच पर शुरुआत आल्हा के ओज भरे स्वरों से हुई। सत्यनारायण शुक्ल के शागिर्द उन्नाव के रामलखन तिवारी और साथियों ने ऊर्जा भरे अंदाज में आल्हा के प्रसंग सुनाए। दिव्यांग कलाकार शबीना ने दिलकश आवाज में ऐ मेरे वतन के लोगों…. सुनाकर श्रोताओं की आंखों को नम कर दिया।
रंजना और सुरुचि की जोड़ी ने होरी गीत से अंत करने से पहले वसंत पंचमी के अवसर पर- आयो आयो वसंत ऋतुराज गुइयां…. गीत सुनाया। इससे पहले आज़ादी से पहले घरों के आयोजनों में गया जाने और महात्मा गांधी को दूल्हे के रूप प्रस्तुत करने वाले ठिठोली भरे सुराजी लोकगीत- मोरे चरखा का टूटे न तार चरखा चालू रहे…. की पेशकश रखी। इनकी शुरुआत देवी स्तुति के साथ- वीणा पाणि मइया लय सुर ताल द….. से की और फिर देश भावना से भरा गीत- लहरे देसवा मोरा…. सुनाया।
नवयुवा नृत्यांगना अंशिका त्यागी ने अवधी लोकगीत- सैंया मिले लरकइयां….. पर नृत्य करके वाहवाही लूटी।

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